Friday, November 22, 2024 at 5:30 PM

शुगर मिल में हुए बवाल में पूर्व विधायक कांशीराम दिवाकर को सात साल की जेल, 70 हजार का जुर्माना

रामपुर:शाहबाद की राणा शुगर मिल में 12 साल पहले हुए बवाल के मामले में कोर्ट ने शाहबाद के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता कांशीराम दिवाकर को सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन पर 70 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। अन्य छह दोषियों को एक-एक साल की जेल और दस हजार का जुर्माना लगाया गया है।कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 21 आरोपियों को बरी कर दिया है। बवाल का यह मामला शाहबाद के करीमगंज स्थित राणा शुगर मिल का है। यहां गन्ना ले जा रहे किसानों का 15 जनवरी 2012 की रात ट्रैक्टर-ट्राॅली निकालने को लेकर कर्मचारियों से विवाद हो गया था।

इसके अगले दिन आक्रोशित किसानों ने राणा शुगर मिल पर धावा बोलते हुए जमकर पथराव किया था। हमले में राणा शुगर मिल के दो अधिकारियों सहित कई कर्मचारी घायल हो गए थे। इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कांशीराम दिवाकर, भाजपा नेता सुरेश बाबू गुप्ता, कुंवरपाल समेत 39 लोगों को नामजद और 200-250 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने यह मामला राणा शुगर मिल के उपाध्यक्ष ओमवीर सिंह की तहरीर पर दर्ज किया था। मुकदमे में आरोपियों पर लूटपाट, जानलेवा हमला, बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगा था। पुलिस ने आरोपी महिला संजू यादव से लूट के 10 हजार रुपये बरामद होने की बात कही थी।

पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट में 28 लोगों का ट्रायल चला। ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मृत्यु हो गई। बुधवार को इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया।

कोर्ट ने इस मामले में पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता कांशीराम दिवाकर, सुरेश बाबू गुप्ता, किशनपाल, भारत सिंह, मेघराज, महिला संजू यादव को मारपीट, डकैती, तोड़फोड़, जान से मारने की धमकी देने के मामले में दोषी करार दिया। इसके बाद सभी आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया था। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक कांशीराम दिवाकर को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है।

फैसला सुनते ही सन्न रह गए पूर्व विधायक
12 साल पुराने मामले में कोर्ट की तरफ से सजा सुनाए जाने के दौरान पूर्व विधायक कांशीराम समेत छह लोग सन्न रह गए। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने उन्हें कस्टडी में ले लिया। सभी को जेल भेजा जा रहा है। फैसला सुनाए जाने के दौरान पूर्व विधायक के परिवार के लोगों के साथ ही उनके समर्थक भी कोर्ट परिसर में पहुंचे थे।

Check Also

बाबरी और दिल्ली से भी पहले की है संभल की जामा मस्जिद, 1526 में किया गया था निर्माण

संभल: संभल जामा मस्जिद की प्राचीनता इससे ही स्पष्ट हो रही कि वह दिल्ली की …