Friday, November 22, 2024 at 10:20 PM

अशांत बलूचिस्तान में अधिकतर मतदान केंद्र संवेदनशील या अति संवेदनशील, महज 19 फीसदी सामान्य

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में झड़प और हिंसा की खबरें सामने आने लगी हैं। अशांत बलूचिस्तान प्रांत में चुनाव के मद्देनजर स्थापित किए गए 80 फीसदी मतदान केंद्रों को संवेदनशील या अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है। बलूचिस्तान के कुल 5,028 मतदान केंद्रों में से केवल 961 यानी करीब 19 फीसदी सामान्य हैं।

सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चिंता
बलूचिस्तान के गृह मंत्री जुबैर जमाली ने प्रांत में चुनाव के दौरान संभावित सुरक्षा चुनौतियों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों, सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों पर हमले की कोशिश के मद्देनजर मतदान के दिन सुरक्षा बहुत कड़ी होगी। वहीं, उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान में कुल 5,028 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से केवल 961 को सामान्य के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा 2,337 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ और 1,730 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है।

इंटरनेट सेवाएं रहेंगी बंद
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने रविवार को घोषणा की थी कि जिन इलाकों में मतदान केंद्र संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं, वहां इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी। उन्होंने कहा था कि हिंसा भड़काने और अफवाह फैलाने के लिए आतंकवादी और शरारती तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए ऐसे खतरों से बचने के लिए टर्बत, माछ और चमन सहित विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट तक पहुंच प्रतिबंधित होगी।

यह हो चुकी हैं घटनाएं
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़े आतंकवादियों ने पिछले सप्ताह माछ जेल के कैदियों को छुड़ाने के लिए माछ और कोलपुर शहरों में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनकी कोशिश को विफल कर दिया था। हालांकि, अभियान के दौरान चार सुरक्षाकर्मी, दो नागरिक और कम से कम 24 आतंकवादी मारे गए। बलूचिस्तान में चुनावी हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। जनवरी में बलूचिस्तान के सिबी शहर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की पार्टी की रैली में हुए बम विस्फोट में चार लोग मारे गए थे और छह अन्य घायल हो गए थे।

मतदान केंद्रों पर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा बलों की तैनाती
प्रांतीय सरकार ने चुनाव संबंधी हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर पहले ही राजनीतिक रैलियों और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जमाली ने कहा कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, खासकर संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में। पिछले साल से बलूचिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है, खासकर संघीय सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) संगठन के बीच नवंबर 2022 में संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद।

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