Saturday, November 23, 2024 at 9:30 AM

“ऊंची ब्याज दरें निजी निवेश को और मुश्किल बना रही हैं”: एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा

देश की आर्थिक वृद्धि दर काफी कमजोर दिखाई दे रही है। बढ़ते श्रमबल की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त नहीं रहेगी।  मौद्रिक सख्ती यानी ऊंची ब्याज दरों की वजह से कर्ज की मासिक किस्त बढ़ी है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने  को कहा, ऊंची ब्याज दरें निजी निवेश को और मुश्किल बना रही हैं। वहीं, सरकार राजकोषीय मजबूती पर जोर दे रही है। ऐसे में इस स्रोत से अर्थव्यवस्था को समर्थन में गिरावट आई है। इन सभी वजहों से मुझे आशंका है कि हमारे जनसांख्यिकीय संदर्भ और आय के स्तर को देखते हुए बढ़ते श्रमबल की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आर्थिक वृद्धि दर कम रहेगी।

एमपीसी सदस्य ने कहा, मौद्रिक सख्ती दुनियाभर में वृद्धि के लिए जोखिम है। उच्च महंगाई पर कहा, 2022-23 में विभिन्न आपूर्ति झटकों के साथ दूसरी छमाही के दौरान मौद्रिक सख्ती में देरी से यह उच्च महंगाई का साल रहा है।  2023-24 में इसमें काफी कमी आएगी।

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