रुपये की कीमत ने आज एक बार फिर ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड कायम कर लिया। रुपये में आ रही कमजोरी सबके लिए नुकसान का सौदा नहीं है। निर्यातकों को इससे फायदा होने वाला है।भारतीय मुद्रा की कीमत आज पहली बार डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे पहुंच गयी।
रुपये में जैसे-जैसे कमजोरी बढ़ेगी आम आदमी की मुसीबत भी बढ़ती ही जाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारा देश बहुत सारी चीजों के लिए आयात पर निर्भर है। ज्यादातर आयात-निर्यात अमेरिकी डॉलर में ही होता है इसलिए बाहरी देशों से कुछ भी खरीदने के लिए हमें अधिक मात्रा में रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
रुपया आज 4 पैसे कमजोर होकर खुला है। इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.97 पर बंद हुआ था।पिछले एक महीने में रुपया 2% से भी ज्यादा टूट चुका है। जानकारी दें कि एक साल में रुपया डॉलर के सामने 7.4% नीचे गिर गया है।