राज्य सभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के पैतृक गांव नकोट में मतदाताओं की संख्या में 175 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके पीछे बलूनी का अपना वोट अपने गांव अभियान का हाथ है।
जब बलूनी ने अपने गांव से अभियान की शुरुआत की थी, तब वहां सिर्फ 25 वोट थे। बलूनी की अपील पर गांव के 44 अन्य लोगों ने अपने वोट बनाए। इस सकारात्मक नतीजे से उत्साहित बलूनी विधानसभा चुनाव के बाद पूरे प्रदेश में इस अभियान को चलाने की सोच रहे हैं।
बलूनी का गांव पौड़ी जिले में हैं, जहां पलायन सबसे गंभीर समस्या है। ईगास पर्व और अपना वोट अपने गांव अभियान से बलूनी पलायन की समस्या का भी समाधान तलाश रहे हैं।
2001-2011 के मध्य राज्य में 19.7 फीसदी आबादी बढ़ी, लेकिन पौड़ी और अल्मोड़ा जनपद की दशकीय आबादी बढ़ने के बजाय घट गई। इसका असर राज्य की विधानसभा सीटों के परिसीमन पर दिखा। जनसंख्या कम होने की वजह से राज्य ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों की सीटें 40 से घटकर 34 रह गई और शहरी क्षेत्रों में 30 से बढ़कर 36 पहुंच गई।
पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम होने से बचाने के लिए तीन साल पहले बलूनी ने अपना वोट अपने गांव अभियान की शुरुआत की। प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं और अब ईगास भी लोकोत्सव का रूप लेने लगा है। पन्ना प्रमुख बने और सोशल मीडिया व अपने संपर्कों से गांव के लोगों को अपना वोट बनाने के लिए प्रेरित किया।