द्वारा राष्ट्र की संसद खत्म करने के निर्णय पर चिंता जताई है। उन्होंने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने व कानून के अनुसार टकराव हल करने के महत्व पर जोर दिया।
श्रीलंका का राजनीतिक संकट शुक्रवार को उस वक्त व बढ़ गया जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद को खत्म कर दिया व पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी क्योंकि यह लगने लगा था कि पीएम महिंदा राजपक्षे को सदन में पर्याप्त समर्थन नहीं मिलेगा।
महासचिव गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि महासचिव ने सिरिसेना के श्रीलंका की संसद को खत्म करने व समय से पहले ही संसदीय चुनाव कराने के निर्णय को लेकर चिंता जाहीर की है। गुतारेस ने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं एवं संस्थानों का सम्मान करने व कानून के मुताबिक समस्याओं को हल करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने एकबार फिर से श्रीलंकाई गवर्नमेंट से सभी देशवासियों के लिए शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने व मानवाधिकार, न्याय व सुलह के प्रति अपनी वचनबद्धता को बनाए रखने की अपील की है।
गौरतलब है कि ने 26 अक्टूबर को पीएम रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था व उनकी स्थान पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को राष्ट्र का पीएम नियुक्त कर दिया था। इस घटना से श्रीलंका में राजनीतिक उथल-पुथल के दशा पैदा हो गए, जिसके कारण पूरा राष्ट्र घोर राजनीतिक संकट में फंस गया है।