दीपिका पादुकोण का मानना है कि सिनेमा एक ताकतवर माध्यम है व समाज पर इसके असर को नकारा नहीं जा सकता है। जब बॉलीवुड फिल्में व गाने स्त्रियों का पीछा करने व उनकी सहमति को नजरअंदाज करने को सामान्य बात के रूप में चित्रित करने के लिये लोगों की आलोचना के दायरे में आ रही हैं ऐसे में दीपिका का बोलना है कि सिनेमा लोगों की सोच को प्रभावित करता है।
दीपिका ने अपनी अगली फिल्म “छपाक” के ट्रेलर रिलीज के मौके पर कहा,“जरुरी नहीं है कि अगर आप किसी सामाजिक मामले पर फिल्म बना रहे हो तो वह मनोरंजक नहीं होगी। ‘पीकू’ ने मनोरंजक तरीका से समाज को खूबसूरत संदेश दिया था। ऐसी फिल्में अगर मनोरंजक तरीका से बनाई जाएं तो वह दर्शकों को खुद से जोड़े रखने में पास साबित होती हैं। ”
दीपिका इस फिल्म में तेजाब-हमले की शिकार मालती का भूमिका निभा रही हैं। मालती का भूमिका तेजाब-हमले की शिकार व सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी अग्रवाल के ज़िंदगी से प्रेरित है। “छपाक” का ट्रेलर देख दीपिका की आंखों में आंसू आ गए। ट्रेलर देखने के बाद वह खुद को संभाल नहीं पायीं व उन्होंने पत्रकारों से बोला कि हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे।
इस फिल्म का निर्देशन मेघना गुलजार ने किया है। मेघना इसके पहले “राजी” व तलवार जैसी पास फिल्में दे चुकी हैं। मेघना ने बोला कि समाज में सिनेमा प्रेरित करने के साथ -साथ प्रभावित भी करता है व असर सकरात्मक होने के साथ निगेटिव भी होने कि सम्भावना है। इसलिए इसका जगह बहुत आलोचनात्मक है। हर निर्माता की अपनी पसंद है कि वह किस तरह का कार्य करना चाहता है. अगर पूरा सिनेमा जगत ही जिम्मेदार हो गया तो दर्शक सिनेमाघरों में जाना छोड़ देंगे। इसलिए थोड़ा मनोरंजन जरुरी है व मनोरंजक फिल्में भी जिम्मेदारी से बन सकती हैं।