गलत ढंग से पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) का फायदा लेने वाले किसानों से नरेन्द्र मोदी सरकार (Modi Government) ने पैसे वापस ले लिए हैं। कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 1,19,743 लाभार्थियों के खातों से इस स्कीम का पैसा वापस ले लिया है। फायदा लेने वालों के नामों एवं उनके बैंक खातों के दिए गए ब्यौरों में उपलब्ध नामों के मेल न खाने के कारण पैसा वापस हुआ है। ऐसा सिर्फ आठ राज्यों के किसानों के साथ हुआ है। रिपोर्ट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने खुद इसकी जानकारी दी है।
कृषि मंत्री का बोलना है कि स्कीम के तहत पैसा लेन-देन (ट्रांजेक्शन) की प्रक्रिया को संशोधित करके अब व मुश्किल किया गया है। वेरीफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है ताकि इस प्रकार की घटना फिर न हो।
कागजों में गड़बड़ी करने वालों को नहीं मिलेगा पैसा!
किस प्रदेश के कितने किसानों से वापस लिया पैसा
>>जिन किसानों से पैसा वापस लिया गया है उनमें यूपी पहले नंबर पर है। यहां के 86,314 लोगों से पैसा वापस लिया गया है। सबसे ज्यादा लाभ पाने वाले (1,92,39,499) भी उत्तर प्रदेश के हैं।
>>इस मुद्दे में दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र, जहां के 32,897 लोगों से किसान निधि का पैसा वापस लिया गया है। महाराष्ट्र में अब तक 79,49,570 लोगों को पैसा मिल चुका है।
>>हिमाचल प्रदेश के 346, उत्तराखंड के 78, हरियाणा के 55, जम्मू व कश्मीर के 29, झारखंड के 22 व असम के 2 लोगों से सरकार ने पैसा वापस लिया है। ज्यादातर प्रदेश भाजपा शासित हैं। इसलिए महत्वपूर्ण हुआ आधार वेरीफिकेशन
स्कीम के तहत सालाना 6000 रुपये का फायदा लेने के लिए ठीक कागजात दें। आधार कार्ड लगाएं तो ऐसा नहीं होगा। अन्यथा गलत कागजात देने पर आपसे पैसा वापस लिया जा सकता है। पहली किश्त कुछ ऐसे लोगों को भी मिल गई थी जो इसके हकदार नहीं हैं। क्योंकि यह किश्त लोकसभा चुनाव 2019 से पहले आनन-फानन में भेजी गई थी व उसका वेरीफिकेशन तरीका से नहीं हो पाया था। लेकिन अब ऐसे ‘फर्जी किसानों’ पर सरकार कठोर है। वो ऐसे लोगों से यह रकम वापस ले रही है, ताकि इसका पैसा ठीक किसानों तक पहुंचे। इसीलिए अब आधार वेरीफिकेशन महत्वपूर्ण हो गया है।