मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले जहां नेता दल-बदल रहे हैं तो पार्टियां भी अपने नेता को बाहर का रास्ता दिखाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद वको पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
अनुशासन हीनता के आरोपों के बाद पार्टी ने चतुर्वेदी को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश दिया है। चतुर्वेदी पर समाजवादी पार्टी का प्रचार करने का आरोप है। वहीं पार्टी से बाहर निकाले जाने के बाद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कांग्रेस पार्टी को थैंक्स कहा है।
दरअसल, सत्यव्रत चतुर्वेदी बेटे नितिन चतुर्वेदी को टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते कई दिनों से वह लगातार अपनी ही पार्टी के विरूद्धबयानबाजी करते जा रहे हैं। ऐसे में जब पार्टी ने उनके बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की तो वरिष्ठ नेता ने अपनी ही पार्टी को चुनौती दे दी। कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बोला कि ‘अगर पार्टी में हिम्मत है तो पार्टी मुझे बाहर निकाल कर दिखाए। ‘
बेटे को टिकट न मिलने से नाराज हैं चतुर्वेदी
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने सत्यव्रत चतुर्वेदी को स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन सत्यव्रत के बेटे नितिन चतुर्वेदी सपा की टिकट से उम्मीद्वार हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी का प्रचार-प्रसार करने की स्थान पर सत्यव्रत ने अपने बेटे व सपा के पक्ष में चुनाव प्रारम्भ कर दिया व कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध बयानबाजी करने लगे। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सत्यव्रत चतुर्वेदी की तीखी बयानबाजी के चलते कांग्रेस पार्टी उनसे बहुत ज्यादा नाराज चल रही है। ऐसे में जब कांग्रेस पार्टी के नाराजगी जाहिर करने पर भी जब सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पार्टी के विरूद्धबयानबाजी बंद नहीं की है तो कांग्रेस पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
सत्यव्रत चतुर्वेदी का राजनैतिक सफर
1980-84 व 1993-97 विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा, 1983-84 उप मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार, 1999 फरवरी से 2004 सदस्य तेरहवीं लोकसभा, 3 अप्रैल 2012 से 2 अप्रैल 2018 तक राज्यसभा सांसद। इसके अतिरिक्त सत्यव्रत चतुर्वेदी तमाम जरूरी समितियों का भाग भी रहे हैं।